Tantrokat Bhairav Sadhana By Tantrik Bahal Maruti Prakashan, Meerat free Book Download Hindi

Book detail
Book Name | Tantrokat Bhairav Sadhana By Tantrik Bahal Maruti Prakashan, Meerat free Book Download Hindi |
Author | Tantrik Bahal |
Category | Tantra mantra and Spiritual |
Language | Hindi |
Page | 196 |
Quality | HD |
Size | 85.5 MB |
Download Status | Available for Download |
भगवान भैरव जिनके अनेक नाम हैं जैसे बटुक भैरव, प्रेतराज, भूतनाथ, क्षेत्रपाल आदि हैं, वास्तव में भगवान शंकर के पांचवें अवतार हैं। ग्रन्थों में ऐसी कथा आती है कि भैरव के जन्म लेते ही ब्रह्मा ने उन्हें यह वर दिया था कि आज से काशी निवासियों का लेखा जोखा चित्रगुप्त नहीं रखेंगे। काशीवासियों को द्दण्ड देने का अधिकार उनको ही होगा। इसीलिये भैरव को काशी के कोतवाल कहा जाता है।
भैरव साधना काफी दुरूह है। विद्वानों ने कहा है- साधक में अनेक क्षमतायें हैं, तंत्र साधना द्वारा वह अनेक असाध्य कर लेता है, फिर भी उसकी सीमायें हैं, वह सब-कुछ नहीं कर सकता।
अपनी योग्यता और साधना का निरन्तर सदुपयोग करते हुए भी साधक को अपनी सीमाओं का ध्यान रखना चाहिए। साधना के मार्ग से जीवन की जड़ता और आलस्य का विनाश होता है।
किन्तु केवल साधना को ही सबकुछ मान लेने की वृत्ति हमें अहंकारी बना देती है जबकि अपनी असमर्थता का ज्ञान हमें अहंकारी होने से रोकता है।
“जीवन जीने के लिये है” चाहे दुःख से जिएं अथवा सुख से। किन्तु साधना से उसका निवारण संभव हो, तो कौन ऐसा होगा जो उससे मुक्त होना नहीं चाहेगा?
दुःख से छुटकारा पाने के लिए ही प्राणी प्रयत्नशील रहता है, उन प्रयलों में त्रिविधि उपाय शास्त्रों में उपलब्ध होते हैं। आधिभौतिक, आधिवैदिक और आध्यात्मिक-इन तीनों प्रकारों को दुःख से मुक्त होने के लिए प्रकृति और पुरुष का ज्ञान आवश्यक बतलाया है। साधना-गार्ग में आधिदैविक उपाय दुःख-मुक्ति का सबसे सरल सापन है। यही उपाय आज अत्यन्त उत्तम है।
“Stay afraid, but do it anyway. What’s important is the action. You don’t have to wait to be confident. Just do it and eventually the confidence will follow.” — Carrie Fisher