Kama Ratna Tantra Ram Kumar Rai by Shubhada Dhawan PDF Book free Download

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Book detail

Book NameKama Ratna Tantra Ram Kumar Rai by Shubhada Dhawan PDF Book free Download
AuthorShubhada Dhawan
CategoryTantra mantra and Spiritual
LanguageHindi
Page272
QualityHD
Size67.7 MB
Download StatusAvailable for Download

भारतीय विद्यानों के अन्तर्गत तरत्रशास्त्र एक अनुपम निधि है। इस शास्त्र के आदि प्रणेता भूतभावन देवादि देव महादेव है जिन्होंने कलियुग में प्राणियों के अल्प सामायं को देखकर थोड़े परिश्रम से ही भक्तों की कार्य- सिद्धि के लिये तन्त्रशास्त्र का उपदेश किया था।

तत्य में मश्व, यन्त्र और औषधि तीमों का प्रयोग होने से अत्यन्त शीघ्र फार्यसिसि होती है और इसी कारण तन्यशास्त्र की महिमा का सर्वत्र उल्लेख मिलता है। जय फालक्रम से णास्त्र लुप्त हो गये तथ बड़े-बड़े सिद्ध योगी और महात्माशों ने तपस्या द्वारा पश्यों ओर पन्नों का दर्शन कर उनमें दैवी शक्ति की स्थापना करके चराचर के उपकारार्थ उल्लेख किया।

तन्त्रों के आदि आषार्थ होने से राव तन्त्र महादेव और महेश्वरी के सम्वाद के रूप में ही मिलते हैं। सिद्ध योगियों ने अपनी तपस्या के प्रभाव से महादेव और महेश्वरी के इस सम्वाद को जानकर अपने ग्रन्थों में उसे यथावत लिखा है।

ऐसे ही सिद्ध योगियों में एक येगेश्वर गौरीपुत्र नित्यनाथजी भी हुये हैं जिन्होंने परम अ‌द्भस इस ‘कागरत्न’ नामक तन्म का निर्माण किया था। लोकोपकार की दृष्टि से यह सभ्य अद्वितीय है। संगार में मारण, मोहन, उच्चाटन, विद्वेषण, वशीकरण और स्तम्भनादि जो पटकर्म हैं उनकी विधि वो इस वन्त्र में विस्तार से लिखी ही गई है, साथ ही इसमें सर्वव्याधि चिकित्सा और यन्त्रमन्त्रादि का प्रयोग भी विस्तार से वर्णित है।

इसकी सर्वाधिक विशिष्टता यह है कि जहाँ पटकों के प्रयोग का उल्लेख है वहीं प्रत्येक कर्म के निवारण का उपाय भी यणित है।

अतः एक ओर जहाँ किसी के विश्द्ध इन कर्मों का प्रयोग किया जा सकता है वहीं साध्य द्वारा इत कमों का निराकरण भी सम्भय है। इस दृष्टि से यह तत्न अत्यन्त उपयोगी है। इनके अतिरिक्त इसमें अनेक ऐसे प्रयोग मिलते हैं जिनका दैनिक जीवन में पर्याप्त महश्य है जैसे : फस्यवृद्धि, गोदुग्धवृ‌द्धि, पुंसयन, सुखप्रसय, सर्पादि विषनिवारण इत्यादि ।

अपनी इन विशिष्टताओं के कारण कामरत्न तन्म अद्वितीय और सर्वसाधारण के लिये अत्यन्त उपयोगी है

जीवन में सफलता के लिए, संकल्प और समर्पण दोनों की आवश्यकता होती है।

“To achieve success in life, both determination and dedication are necessary.”

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