Practical Hypnotism by Dr. Narayan Dutt Shrimali Hindi Book PDF free Download

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Practical Hypnotism by Dr. Narayan Dutt Shrimali Hindi Book PDF free Download

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Books detail / बुक्स डिटेल्स

Book NamePractical Hypnotism by Dr. Narayan Dutt Shrimali Hindi Book PDF free Download
Author NameDr. Narayan Dutt Shrimali 
Category Tantra mantra and Occult
LanguageHindi
Page67
QualityHQ
Size25.1 MB
Download StatusAvailable for Download

दिव्य साधना संपन्न करने के लिए या दिव्य साधना में सफलता प्राप्त करने के लिए कुछ विशेष योग और आसन सहायक हैं।

ये कुल आठ आसन हैं और इन आठ आसनों को एक विशेष क्रम से करने पर वह अपने-आप में क्षमतायुक्त वन जाता है, जिससे उसे दिव्य साधना में सफलता मिल जाती है।

जब व्यक्ति दिव्य साधना में सफल हो जाता है तो वह अपने-आपको ज्यादा-से-ज्यादा जानने और अपने अंतर को ज्यादा-से-ज्यादा पहचानने में सफन्न हो जाता है, क्योंकि उसका अपने-आप पर नियंत्रण स्थापित हो जाता है।

इसके बाद वह व्यक्ति इस दिव्य साधना के आघात से वाह्य मन को विचारशून्य बनाने का प्रयत्न करता है और धीरे-धीरे उसे अनुभव होने लगता है कि वह पहले की अपेक्षा ज्यादा शांत हो सका है और पहले की अपेक्षा अपने-आप को ज्यादा हलका भी अनुभव करने लगा है। इसका प्रमाण यही है कि वह अपने वाह्य मन पर धीरे-धीरे नियंत्रण स्थापित कर रहा है।

कठिनाई तब आती है, जब इस बाह्य मन का संपर्क अंतर्मन से करना होता है, क्योंकि इन दोनों की अपने-आप में अलग सत्ता है और आपस में किसी प्रकार का संबंध नहीं है।

एक विशिष्ट क्रिया से इस बाह्य मन का संपर्क अंतर्मन से हो जाना है और जब यह संपर्क हो जाता है तो यह आवश्यक है कि यह संपर्क टूट न जाए, अपितु एक दूसरे से बराबर जुड़ा रहे।

जब यह संपर्क जुड़ जाता है और विशेष क्रिया से जुड़ा रहता है, तब मानव को अपने बाह्य मन के आघात से अंतर्मन को भी विचारशून्य बनाने की प्रक्रिया प्रारंभ होती है।

यद्यपि यह थोड़ी कठिन अवश्य है और इसके लिए सतत अभ्यास और क्रिया की आवश्यकता है, परंतु जब बाह्य मन पर नियंत्रण स्थापित हो जाता है तो अंतर्मन पर नियंत्रण स्थापित करना ज्यादा कठिन नहीं रहता और बाह्य मन के आघान से अंतर्मन को धीरे-धीरे विचारशून्य बना दिया जाता है।

“So, Monday. We meet again. We will never be friends—but maybe we can move past our mutual enmity toward a more positive partnership.” ―Julio-Alexi Genao

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