Sri Kali Vira Kalivir Chalisa Sahit By Om Goswami And Aravind Goswami Bhushan Book Depo free PDF Book Download

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Book detail

Book NameSri Kali Vira Kalivir Chalisa Sahit By Om Goswami And Aravind Goswami Bhushan Book Depo free PDF Book Download
AuthorOm Goswami And Aravind Goswami
CategorySpiritual
LanguageHindi
Page218
QualityHD
Size68.4 MB
Download StatusAvailable for Download

श्री कालीवीर ऐसे देवता हैं जिनकी पूजा घर की चारदीवारी में हो सकती है। किन्तु, पूजा का स्थान अलग और पवित्र होना चाहिए। कमरा अन्धेरा नहीं हो। हवा और प्राकृतिक प्रकाश का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। श्री कालीवीर के स्थान में चमड़े और दुर्गंध वाली वस्तुओं का प्रवेश निषिद्ध है। पूजा-स्थल की नित्य सफाई होनी चाहिए। क्योंकि देवता सफाई पसंद होते हैं।

इसलिए, उनके स्थान को सुन्दर रखना चाहिए। देवता सुगंध में वास करते हैं। इसलिए झुंडों को शुद्ध जल से स्नान करा कर गूगल अथवा वनस्पति धूप देना चाहिए। फूल तया फूलमालाएं भीअर्पित करनी चाहिएं।

गुट्टा, मोतिया एवं चमेली के फूल इन्हें विशेष प्रिय हैं। श्री कालीवीर वृक्षों, फूलों तथा फलों को विशेष पसंद करते हैं। इसलिए, इनके नाम से बनी, बगीचा तथा फुलवाड़ी का निर्माण भी किया जा सकता है।

श्री कालीवीर जी की पूजा में माता कालिका, माता म’ल्ल, माता काशला, माता बाशला तथा गुरु गोरखनाथ और 1 अपने कुल की देवियों, सतियों तथा शहीदों आदि का नाम स्मरण पुण्यकारक होता है। देव निमित्त किये जाने वाले यज्ञ तथा प्रीति-भोज में से प्रथम मंडले इन्हीं के नाम से निकाले जाते हैं। यदि कोई अन्य देवी-देवता पूजा-स्थल में स्थापित है तो उनके मंडले भी अवश्यमेव निकाले जाते हैं।

पूजा में धूप, दीप, जोत के अतिरिक्त प्रसाद में मीठा- रुट्ट, खीर, हलवा, रितुफल तथा मिठाई चढ़ाई जाती है। रुह योद्धाओं तथा नव-नाथों का प्रिय खाद्य है। रुट्ट को श्रद्धा सहित गेहूँ के आटे में गुड़, सौंफ, घी तथा सूखे मेवे डाल कर बनाया जाना चाहिए। रविवार और वीरवार कालीवीर की पूजा के वार माने गये हैं। प्रातः पूजा के उपरान्त चरणामृत ग्रहण करके जो व्यक्ति घर से विशेष काम के लिए निकलता है,

वह महाराज कालीवीर के आशीर्वाद का पात्र बनता है। कुलदेव का स्मरण करते समय मन को निर्विकार रखें। अपने कष्ट और चिन्ताएं भूल कर शुद्ध मन से उनका स्मरण करें।

“Just say yes and you’ll figure it out afterwards.”

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